आप सर्वश्रेष्ठ है, बस जरूरत है तो सिर्फ सोच बदलने की।
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आर.सी.मेहता आप सर्वश्रेष्ठ है, बस जरूरत है सिर्फ सोच बदलने की। आप चाहे किसी भी संस्था/समाज अथवा कंपनी इत्यादि में किसी भी पद पर हो, आप अपनी संस्था/समाज या कंपनी को नेतृत्व कर रहे अध्यक्ष/चेयरमैन अथवाअपने बॉस के प्रति मन में असंतोष पालने के बजाय, आपअपना काम इतनी खूबी से करिए कि आपके बिना आपके लीडर्स/ बॉस और आपकी संस्था/समाज अथवा कंपनी का काम ही ना चले। आप खुद को उनकी एक जरूरत बना दें। अगर आप अपने कार्यों की जिमेदारी से दूर भागते हैं तो आपका ध्यान शिकायत करने और कमियां ढूंढने में लगा रहेगा, तब आप अपना काम ठीक से नहीं कर पाएंगे। क्योंकि आप सोचेंगे, वो बेवकूफ है, मैं इसके लिए इतना काम क्यों करूं? मैं कार्य करूंगा तो सारा श्रेय उन्ही को जायेगा,सम्मान भी उन्ही का होगा , मुझे क्या मिलेगा।अगर आप ऐसा सोचते हैं तो संस्था,समाज अथवा कंपनी को आपकी क्यों जरूरत है , तब उनको भी आपकी जरूरत नहीं रह जाएगी और आपको निकाला भी जा सकता है अथवा आपका बहिष्कार भी किया जा सकता है। जो लोग टॉप तक पहुंचे हैं उन्होंने किसी के खिलाफ असंतोष की भावना रख कर तरक्की नहीं की । उन्होंने तरक्की इसलिए की, क्यो...