आप सर्वश्रेष्ठ है, बस जरूरत है तो सिर्फ सोच बदलने की।
आप सर्वश्रेष्ठ है, बस जरूरत है सिर्फ सोच बदलने की।
आप चाहे किसी भी संस्था/समाज अथवा कंपनी इत्यादि में किसी भी पद पर हो, आप अपनी संस्था/समाज या कंपनी को नेतृत्व कर रहे अध्यक्ष/चेयरमैन अथवाअपने बॉस के प्रति मन में असंतोष पालने के बजाय, आपअपना काम इतनी खूबी से करिए कि आपके बिना आपके लीडर्स/ बॉस और आपकी संस्था/समाज अथवा कंपनी का काम ही ना चले। आप खुद को उनकी एक जरूरत बना दें। अगर आप अपने कार्यों की जिमेदारी से दूर भागते हैं तो आपका ध्यान शिकायत करने और कमियां ढूंढने में लगा रहेगा, तब आप अपना काम ठीक से नहीं कर पाएंगे। क्योंकि आप सोचेंगे, वो बेवकूफ है, मैं इसके लिए इतना काम क्यों करूं? मैं कार्य करूंगा तो सारा श्रेय उन्ही को जायेगा,सम्मान भी उन्ही का होगा , मुझे क्या मिलेगा।अगर आप ऐसा सोचते हैं तो संस्था,समाज अथवा कंपनी को आपकी क्यों जरूरत है , तब उनको भी आपकी जरूरत नहीं रह जाएगी और आपको निकाला भी जा सकता है अथवा आपका बहिष्कार भी किया जा सकता है। जो लोग टॉप तक पहुंचे हैं उन्होंने किसी के खिलाफ असंतोष की भावना रख कर तरक्की नहीं की । उन्होंने तरक्की इसलिए की, क्योंकि उन्होंने जिम्मेदारी समझ कर निस्वार्थ बेहतरीन काम किया। इसलिए हम अपनी अपनी काबिलियत के अनुसार वो तरक्की करते हैं तथा वो स्वयं आगे बढ़ते है तथा संस्था/समाज अथवा कंपनी को सर्वोपरि मानते हुए बिना रुके एवम बिना थके तन मन एवम धन के साथ सहयोग एवम सेवाए देते हैं।अगर आप हमेशा दूसरों को देखते रहेंगे और उनसे अपनी तुलना करते रहेंगे, तो आपको हमेशा शिकायत रहेगी , आप हमेशा सोचेंगे, वह आदमी मेरे जितना काबिल नहीं है, फिर भी वह ऊंचे पद क्यों है। फिर आप चाहे जहां भी हो आप नाखुश ही रहेंगे । तो आपको हर हालत में बस अपना सौ फीसदी प्रदर्शन करना है। तब आप जरूरत बन जाएंगे और सहज ही तरक्की करेंगे । दूसरों की कमियां ढूंढने की बजाय खुद में सुधार करें। दूसरों की भेड़े गिनने से काम नहीं चलेगा। ना ही दूसरे के पास गिनने से आप परमात्मा हो जाएंगे । आपने देखा होगा कि हर घर परिवार में एक न एक बहन या बुआ या बेटी ऐसी होती है जिनको शादी ब्याह में सबसे पहले बुलाया जाता है। इसी तरह हर गांव या शहर में ऐसे सेवाभावी होते है वह स्वयं आकर सारा काम संभाल लेते है ।उसकी सब सुनते हैं , उसको सब मान आदर देते हैं ।क्यों? क्योंकि वह जिम्मेदार होते है, किसी पर भी टिका टिप्पणी नहीं करते, सबको साथ लेकर चलते है ,किसी की कमियां नहीं ढूंढते, सबका सहयोग करते है। तो आप भी जिम्मेदार बने। सहयोगी बने ,उपयोगी बने, योगी बने ,उद्यमी बने,आपकी कीमत अपने आप बढ़ जाएगी आप सबकी पसंद बन जाओगे।
!!संकलित!!
आर सी मेहता
Dt.05.08.2021
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