मै पुछता हुं किसके लिए?


दोस्तो,
💯आज आपसे एक महत्वपूर्ण बात कहना चाहता हूं कि आपने बहुत मेहनत व ईमानदारी से एक- एक रुपया जोड़कर  पैसा इकट्ठा कियाऔर वो ही सारा पैसा आपने किसी जरूरत मन्द को उधार दिया या बैंक अथवा सोसायटी में जमा करवाया हो या फिक्स्ड डिपोजिट करवाई हो और यह सोच के कि यह पैसा मेरे बुढ़ापे का सहारा बनेगा । लेकिन दिया  हुआ पैसा किसी भी कारण से वो डूब जाए या बैंक अथवा संस्था फेल हो जाए और आप उसकी वजह से आप जीरो हो जाए तो आप अपना गुस्सा सारा ईश्वर पर ही निकालते हो, और आप ईश्वर को  केसे कोसते हो जैसे सारा काम आपने ईश्वर के कहने पर किया हो:- 
✅हे "भगवान" ये क्या हो गया ?
✅मैंने कितनी मेहनत से ये पैसा कमाया था।
✅ ना दिन नही देखा और ना रात देखी मैने तो मेहनत के साथ पैसा कमाया था।
✅माँ बाप की सेवा नही की और पैसा कमाया,
✅बच्चों की परवरीश नही की और पैसा कमाया!
✅पत्नी की सेहत की ओर ध्यान नही दिया!उसके साथ समय नहीं गुजारा और पैसा कमाया!
✅रिश्तेदार,भाईबन्द, बाल बच्चे,परिवार और यार- दोस्तों से भी किसी तरह की हमदर्दी न रखते हुए और पैसा कमाया !
✅जीवन भर हाय पैसा हाय पैसा किया!
ना चैन से सोया, ना चैन से खाया - पिया
 बस,जिंदगी भर पैसा कमाने में लगा रहा!
✅यह सब व्यर्थ गया!हाय राम, अब क्या होगा मै तो बर्बाद हो गया।
🔸मेरा तो आपसे यही पूछना है कि आपने
❓मेरा आपसे सिर्फ यही विचारणीय प्रश्न है कि आपने ईश्वर को क्यो कोसा ?
❓क्या आज आपका बचाया हुआ पैसा कितना और कहा सुरक्षित है।
❓क्या आप किस पर भरोसा और विश्वास कर सकते है।
❓क्या कब आपकी मेहनत असुरक्षित हो जाए।
❓क्या आपका भविष्य किसके भरोसे है।
 मेरे बहुत सारे प्रश्न है, उत्तर आपके है।
🙏
आर सी मेहता
♦️♠️♥️♣️

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

कोविड -19,लोक डॉउन -घर में रहने का संकल्प- मेरा अनुभव

रिश्ता बनाने से पूर्व की आवश्यक महत्वपूर्ण बाते

मेहनत से अर्जित धन शुकुन देता है …..