आर.सी.मेहता विवाह विच्छेद एवं पारिवारिक झगड़ों के मामलों के निपटान हेतु आवयश्क कानून बनाने या काननू में संशोधन करने हेतु ज्ञापन उदयपुर। राज्य सरकार द्वारा बजट पूर्व मांगे गये सुझावों के तहत जैन सोश्यल ग्रुप इन्टरनेशनल के पूर्व उपाध्यक्ष आर.सी.मेहता ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भेजे गये ज्ञापन में कहा कि आज सभ्य एवं प्रबुद्ध समाज का यह ज्वलंत विषय है कि पारिवारिक,पति पत्नी के बीच के झगड़ो को लेकर विवाह विच्छेद के मामलों की संख्या दिन प्रति-दिन बढ़ती जा रही हैं जो एक गंभीर चिंतन का विषय है। समाज में टूट रहे रिश्तों को बचाये रखनें एवं उन मामलों को थानों एवं अदालतों में दर्ज होने से पूर्व पंजीकृत संस्थाओं या सामाजिक मंच को उन रिश्तों को सुधारनें हेतु अधिकार दिये जानें चाहिये और उन रिश्तों को बचायें रखने हेतु कानून में संशोधन करने या उसके लिये आवश्यक कानून बनाया जाना चाहिये। मेहता ने कहा कि हर छोटी छोटी बातो को लेकर आपसी रिश्ते टूट रहे,परिवारों का बिखराव हो रहा हैं, विवाह विच्छेद ,वृद्ध माता पिता एवं बच्चे असुरक्षित एवम उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं, माता पिता का बुढ़ापा तकली...
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शीर्षक आप ही बताए..
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आर सी मेहता व्यक्तिगत विचार शीर्षक आपको ही बताना हैं। बात कुछ दिनों पूर्व की है एक भव्य शानदार एवम गरिमामय समारोह का आयोजन हुआ । जिसमे मुझे भी साथियों के साथ इस कार्यक्रम में शामिल होने का गौरव मिला जिसमे पूरे देश से अपनी गायकी देने हेतु प्रतिभागी आए थे। हर प्रतिभागी पूर्ण तैयारी के साथ आये तथा हर एक प्रतिभागी ने एक से बढ़ कर एक प्रस्तुतियां शानदार दी। निर्णायक मंडल भी अनुभवी था। निर्णायक मंडल ने परिणाम एवम विजेता सुनाने से पूर्व प्रतिभागियों की प्रस्तुतियों को लेकर हर प्रतिभागी के बारे में उनकी कमियां एवम अच्छाइयों का बखान कर बताया की इसको और कैसे अच्छा बना सकते थे । जो कमियां निकाली उसको भी विस्तृत में बता कर उन्हें संतुष्ट किया और प्रतिभागियों ने अपनी कमियों को उस वक्त सहर्ष स्वीकार भी किया और निर्णायक मंडल के सेमी फाइनल परिणाम को घोषित किया जिसे सभी ने सहर्ष स्वीकार किया।कार्यक्रम फाइनल की और बढ़ा। फाइनल में जो भी प्रतिभागी पहुंचे उनको किसी भी तरह की शिकायत नहीं थी और आगे की तैयारी जी जान लगा कर ...
अमूल्य उपहार
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आर सी मेहता ।।अमूल्य उपहार।। श्री नितेश लोहार की पेंसिल द्वारा विधार्थी अभिलाषा बाघिर विद्यालय, ओटिसी,अंबामाता,उदयपुर जिंदगी में अचानक घटनाएं एवम हादसे होते हैं ,अचानक पहाड़ टूट जाता हैं,जो आपने योजनाएं बना रखी हो वो कुछ ही क्षणों में विफल हो जाती हैं और जिंदगी में कई बार अनचाहा नुकसान या दर्द सहन करना पड़ता हैं। दुख की धाराएं एक साथ बहती हैं ।राई का पहाड़ बन जाता हैं।आपके नही चाहने के उपरांत भी यह सभी बाते आपके खुशी के पलो को छीन लेती है तथा उस पर पानी फेर देती हैं । सपने चूर- चूर हो जाते हैं , यही जीवन की सच्चाई हैं एवम यही जिंदगी का एक पहलू है तथा एक अध्याय हैं , जो हमेशा हमे रोने से हंसने तथा दुखी से खुश रहने तथा हमे प्रेरित करने तथा सीखने के कई अवसर एवम मौके देता है। यह मानव का स्वभाव हैं कि वो पहले लाभ एवम शुभ के बारे में न सोचते हुए वो उसके नुकसान का आंकलन पहले करता है यही जीवन की सच्चाई हैं, तो आईए आज विपरीत सोचते हैं...... , अच्छा सोचते हैं.....। उस क्षण को याद व स्मरण करते हैं जो आज जिंदगी में इसी तरह से खुशी के पल बिना बताए हमे पहले मिल जाए...
आप सर्वश्रेष्ठ है, बस जरूरत है तो सिर्फ सोच बदलने की।
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आर.सी.मेहता आप सर्वश्रेष्ठ है, बस जरूरत है सिर्फ सोच बदलने की। आप चाहे किसी भी संस्था/समाज अथवा कंपनी इत्यादि में किसी भी पद पर हो, आप अपनी संस्था/समाज या कंपनी को नेतृत्व कर रहे अध्यक्ष/चेयरमैन अथवाअपने बॉस के प्रति मन में असंतोष पालने के बजाय, आपअपना काम इतनी खूबी से करिए कि आपके बिना आपके लीडर्स/ बॉस और आपकी संस्था/समाज अथवा कंपनी का काम ही ना चले। आप खुद को उनकी एक जरूरत बना दें। अगर आप अपने कार्यों की जिमेदारी से दूर भागते हैं तो आपका ध्यान शिकायत करने और कमियां ढूंढने में लगा रहेगा, तब आप अपना काम ठीक से नहीं कर पाएंगे। क्योंकि आप सोचेंगे, वो बेवकूफ है, मैं इसके लिए इतना काम क्यों करूं? मैं कार्य करूंगा तो सारा श्रेय उन्ही को जायेगा,सम्मान भी उन्ही का होगा , मुझे क्या मिलेगा।अगर आप ऐसा सोचते हैं तो संस्था,समाज अथवा कंपनी को आपकी क्यों जरूरत है , तब उनको भी आपकी जरूरत नहीं रह जाएगी और आपको निकाला भी जा सकता है अथवा आपका बहिष्कार भी किया जा सकता है। जो लोग टॉप तक पहुंचे हैं उन्होंने किसी के खिलाफ असंतोष की भावना रख कर तरक्की नहीं की । उन्होंने तरक्की इसलिए की, क्यो...
समाज के प्रति हमारा दायित्व
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🌟आर सी मेहता🌟 🔸समाज के प्रति हमारा दायित्व🔸 समाज के प्रति हमारा दायित्व बिल्कुल उसी तरह है जैसा कि हमारा अपने परिवार के प्रति दायित्व होता है। हम जिस परिवार में जन्म लेते हैं जिस परिवार में रहते हैं, तो उस परिवार अर्थात उस परिवार सदस्यों के प्रति हमारा कुछ दायित्व बनता है। चाहे वो माता-पिता हो, पत्नी, भाई-बहन या पुत्र-पुत्री आदि हों। समाज भी हमारे परिवार की तरह होता है। ये एक वृहद स्तर का परिवार अर्थात बहुत बड़ा परिवार होता है। जब हम किसी समाज में जन्म लेते हैं तो स्वतः ही हमें कुछ अधिकार प्राप्त हो जाते हैं। समाज हमें संस्कार देता है। जीवन को जीने की शैली सिखाता है। हमें अनुशासन में रहना सिखाता है। हमें नियमों के अनुसार आचरण करने की कला सिखाता है। हमें नैतिकता का पाठ पड़ाता है।कुल मिलाकर समाज हमें असभ्य नागरिक से सभ्य नागरिक बनाता है, वरना हम जब इस दुनिया में आते हैं तो क्या होते हैं। समाज में रहकर ही तो हम मानव से सभ्य मानव बनते हैं। जब समाज हमें इतना कुछ देता है तो क्या हमारा दायित्व नही बनता कि हम समाज को बदले में कुछ दे...
चलती का नाम गाड़ी
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आर. सी.मेहता ✨चलती का नाम गाड़ी✨ जिंदगी के रास्ते में बहुत उतार -चढ़ाव , मोड़, गड्डे इत्यादि देखने को मिलते है। फ़िर भी हम रुकते नहीं चलते रहते है।आगे बढ़ते रहते है।गिरने के समय संभलने की पूर्ण कोशिश करते है। कभी भूखे सोते नहीं है फिर भी आगे बढ़ते रहते है । इसीलिए तो जिंदगी को "चलती का नाम गाड़ी " कहते है।उस गाड़ी के हर मोड़ पर बहुत सारे "लाईफ के टर्निग प्वाइंट" हमे हर क्षण मिलते हे लेकिन वो चांस हम लेते नहीं है और छोड़ते हुए आगे बढ़ जाते है।विचार कीजिए ? अगर हम वो जिंदगी के बदलाव के सकारात्मक चांस जो हमे जिंदगी में हर क्षण मिल रहे है उनको लेकर आगे बढ़े तो जिंदगी जीने के लिए कितनी आसान व सरल बन सकती है क्योंकि हम जिंदगी के कठिन रास्तों को तो पार करने में तो सक्षम है। ✅ 💯बात सरल हे लेकिन गंभीर और विचारणीय है। 🙏 आर सी मेहता ♣️♥️♠️♦️
परिवार,समाज व संगठन का जीवन में बड़ा महत्व है।
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आर सी मेहता मनुष्य के जीवन में परिवार,समाज व संगठन का बड़ा महत्व है। हम सभी के जीवन में परिवार, समाज व संगठन का बड़ा महत्व होता है। अकेला व्यक्ति शक्तिहीन है, जबकि संगठित परिवार,समाज व संगठन होने पर उसमें सभी शक्तियां आ जाती है। इसीलिए कहते है की संगठन की शक्ति से बड़े-बड़े कार्य भी आसानी से किए जा सकते है।परिवार, समाज व संगठन में ही हम सभी की समस्याओं का समाधान भी है और उस समस्या का हल भी। जो परिवार और समाज व संगठन संगठित होता है उसमे हमेशा खुशियां और शांति बनी हुई रहती है और ऐसा परिवार व संगठन हमेशा तरक्की के नित नए सोपान तय करता है। संगठन का प्रत्येक क्षेत्र में विशेष महत्व होता है, जबकि बिखराव किसी भी क्षेत्र में अच्छा नहीं होता है। संगठन का मार्ग ही हम सभी की विजय का मार्ग होता है।सभी अच्छे कार्यों के लिए संगठन वरदान साबित होता है। प्रत्येक धर्म एवं साहित्य संगठन और एकता का संदेश देते हैं। सभी धर्मों में कहा गया है कि परस्पर प्रेमपूर्वक वार्तालाप करना चाहिए।संवाद होना चाहिए। जब संगठन एकमत होकर कार्य करता है तो संपन्नता और प्रगति की ओर अग्रसर होता है। संगठन...